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Md Raja |
1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होने के साथ ही कई जरूरी चीजों में बदलाव होने वाला है . इनमें से एक आपका इनकम टैक्स रिटर्न का ढांचा भी है. दरअसल अबतक आप जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे. उसमें अपनी सेविंग को अपने मनमुताबिक एडस्ट कर लेते थे. इसके फीछे की वजह थी खर्चे ज्यादा दिखाकर इनकम टैक्स रिफंड हासिल करना है. लेकिन नए वित्तीय वर्ष में टैक्स रिटर्न के ढांचे में कुछ ऐसे बदलाव हो रहे हैं जिसके बाद आप चाहकर भी अपनी एक्सट्रा इनकम टैक्स रिटर्न में छुपा नहीं सकेंगे. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
दरअसल हम जितना कमाते हैं उसपर हमें सरकार को टैक्स देना होता है. और अपनी कमाई इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय बताना होता है.
वहीं हम सेविंग इसलिए भी करते हैं कि हमें टैक्स कम देना पड़े. आपके खर्चों और इनकम का लेखा जोखा ही आप अपने टैक्स रिटर्न में दाखिल करते हैं. अगर आपके खर्चें ज्यादा हैं तो आपको टैक्स डिपार्टमेंट रिफंड भेजता है.
ऐसे बदल जाएगा गणित
अगर आपने कभी इनकम टैक्स रिटर्न खुद से फाइल किया होगा तो आपने गौर किया है कि आपके पैन नंबर डालते ही कई सारी मदें जैसे कि सैलरी, पीएफ वगैरह पहले ही फीड होकर आ जाती हैं. ऐसा इसलिए होता कि आयकर विभाग आपके पैन नबंर के आधार पर और आपके पिछले भरे गए रिटर्न के आधार पर रेगुलर मदों को ट्रैक कर लेता है. अब आती है सेविंग की बात. इनकम टैक्स रिटर्न में जो आप सेविंग दिखाते हैं उसी के आधार पर आप टैक्स बचा सकते हैं.
इन मदों को भी किया जा सकेगा ट्रैक
अबतक केवल आपकी सैलरी, पीएफ जैसी चीजें ही पहले से ट्रैक होत पाती थी. लेकिन आपकी सेविंग जैसे शेयर बाजार से कमाई, म्युचुअल फंड या दूसरे सेविंग स्कीम्स पर हुई कमाई. ये ऐसी मदें हैं जो आप इनकम टैक्स रिटर्न में खुद ही भरते हैं. अगर आपको ज्यादा सेविंग नहीं दिखानी है तो आप इनमें से कुछ को नहीं भी भरते थे. लेकिन क्या आपको पता है कि आधार और पैन लिंक करने के बाद इस तरह की सभी कमाई विभाग के पास पहुंच जाती है. क्योंकि जहां भी आपने निवेश किया है वो पैन कार्ड के जरिए ट्रैक हो चुका है.
नेक्सट का ऑप्शन कितना जरूरी
अगर आपने टैक्स रिटर्न फाइल किया है तो देखा होगा कि कई चीजें पहले से भरी हुई आती है मसलन आपकी रेगुलर इनकम से कमाई. जिसे आप केवल नेक्सट, नेक्सट पर ते जाते हैं. लेकिन अब चूकिं आपकी हर सेविंग पैन और आधार से लिंक हैं ऐसे में डिपार्टमेंट के पास आपकी हर सेविंग की जानकारी भी है. तो अब ये मदें भी आपके रिटर्न में पहले से भरी हुई आएंगी. मतलब नेक्स्ट का बटन अब पहले से ज्यादा अहम हो गया है. अगर आप खर्चों और सेविंग को बिना देखे नेक्सट करते हुए आगे बढ़ेंगे तो आप देखेंगे कि ऐसी मदें भी आपके रिटर्न में चली गई है जो आप सोच रहे थे कि इसे नहीं दिखाना है. मतबल साफ है कि अब आप चाहकर भी रिटर्न में अपनी एक्सट्रा इनकम छुपा नहीं सकतें.
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