मधेपुरा:कोविड- 19 को ले स्वास्थ्य विभाग सतर्क: सिविल सर्जन
कोविड- 19 को ले स्वास्थ्य विभाग सतर्क: सिविल सर्जन
कोविड- 19 के नियमों को दें प्राथमिकता
24 नवम्बर, मधेपुरा
कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि कोरोना संक्रमण की गति कम हुई है यानि अभी भी कोरोना के मरीज हैं, संक्रमण फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त बातें कहते हुये सिविल सर्जन डॉ सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा लोगों द्वारा नियमों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। अभी का समय और आवश्यक है कि कोविड- 19 के नियमों को अपनी पहली प्राथमिकता मानते हुए उनका पालन करें। जिले में हाल में ही सम्पन्न कई प्रकार की धार्मिक एवं राजनैतिक गतिविधियों के दौरान भी लोगों द्वारा कोविड- 19 के नियमों का पालन करते हुए कोरोना को रोका रखा गया है। इस दौरान एक लम्बे समय से लोगों के कोविड- 19 नियमों के पालन करते हुए कोरोना संक्रमित नहीं हो पाने में उपलब्ध की गई अपनी सफलता को यूं ही खत्म न होने दें। कोविड- 19 के नियमों को अभी और प्राथमिकता देते हुए मास्क आवश्य पहनें, गंदे हो चुके मास्क को बदलें, हाथों को अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से या साबुन पानी से धोयें, दो गज की शारीरिक दूरी बनाये रखें।
मास्क का सही ढंग से इस्तेमाल जरूरी: मास्क की अनिवायर्ता के बारे में डॉ सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि मास्क का उपयोग सही ठंग से अवश्य करें। मास्क के उपयोग के दौरान इससे आपके नाक और मुंह ढ़के रहें, मास्क गंदा न हो। मास्क लोगों को सांस के जरिये कोरोना संक्रमण से बचाता है इसलिए आवश्यक है कि आप अपने आपको सांस के जरिये संक्रमित होने से बचाने के लिए मास्क मात्र पहने ही नहीं बल्कि इसे उचित तरीके से पहनें ताकि आपका मास्क आपकी रक्षा कर सके।
हाथों की नियमित सफाई भी जरूरी: हाथों की सफाई पर बल देते हुए डॉ सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे शरीर का सबसे अधिक क्रियाशील अंग हाथ है जो कई तरह के सतहों के साथ साथ हमारे मुंह, नाक, कान आदि को भी स्पर्श करता है। हाथों का वायरस से संक्रमित होने की संभावना मास्क की तुलना में कहीं अधिक है, इसलिए अपने हाथों को जहां तक हो सके नियंत्रित रखें, किसी भी चीज को छूने से पहले एक बार अवश्यक सोचें क्योंकि कोविड- 19 के वायरस सतहों पर अधिक समय तक क्रियाशील रहते हैं, और हाथों को खासकर अपने नाक, मुंह एवं कान के पास ले जाने से पहले सेनिटाईज या साबुन पानी से अच्छी तरह से धोयें।
दो गज की शारीरिक दूरी भी है जरूरी: दो गज की शारीरिक दूरी बनाये रखने के बारे में बताते हुए डॉ सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड- 19 से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छिंकता है तो उससे बने ड्रॉपलेट्स में कोविड- 19 के वायरस हो सकते हैं जो दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है। ऐसे में आवश्यक है कि दो गज की शारीरिक दूरी बनाये रखा जाये। साथ ही उन्होंने कहा कि अब तो यह देखा जा रहा है कि लोग एक दूसरे से दूरी बनाते हुए कार्यो को सम्पादित कर रहे हैं, फिर भी यह हमेशा नहीं हो पाता है, जब भी ऐसी स्थिति होने की आशंका हो थोड़ी देरी ही सही लेकिन भीड़-भाड़ से बचें, क्योंकि इस भीड़ में कौन कोरोना संक्रमित है इसकी जानकारी नहीं रहती है ऐसे में यदि उस भीड़ का एक भी व्यक्ति कोविड- 19 के वायरस से संक्रमित रहा हो तो पूरी भीड़ एक दूसरे को कोविड- 19 वायरस से संक्रमित हो जायेगी। इसलिए भीड़-भाड़ से देरी भली।
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